कुशलाई दाई के मंदिर म सजे हे जेवारा…..
मंगल गीत गावत हांवे झुमत हें सेवा म
जगर बगर जोत जलत हे
दाई के भुवन म
बैगा झुमत हे मांदर के सुर म
नाहे नाहे लईका मन
अउ सियान मन हावे अंगना म
मंगल गीत गावत हांवे झुमत हें सेवा म
डोकरी दाई घर राखत हावे
घर होगे हे सूना
दाई के अंगना म कैसे झुमत हे अपन रंग म
घर के दाई ल भुलागिन
अउ बिनती कहत हे कुशलाई दाई ल
सुनले मोरो मन के बात
ये बछर मोर करदे काज
जोड़ा नारियल फोडूं काल
बिनती करत हंव मै हर आज
रिसता नाता टूटत हावे
ज़माना कैसे बिगत हावे
दाई तै सुन मोर बिनती
दाई सबो ल सत ज्ञान दे दे
सुमरत हंव मै हिरदे ल
कुशलाई दाई के मंदिर म सजे हे जेवारा…..
मंगल गीत गावत हांवे झुमत हें सेवा म
– लक्ष्मी नारायण लहरे ‘साहिल’
कोसीर, सारंगढ़
जिला रायगढ़ (छत्तीसगढ़ )
मो ० ९७५२३१९३९५
Emel – shahil.goldy@gmail.com